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Adani Group called off FPO: हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के सामने आने के लगभग एक हफ्ते बाद भी ‘अडानी ग्रुप’ की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, बल्कि हम कह सकते हैं कि कंपनी की परेशनियाँ बढ़ती ही नजर आ रही हैं।

गौतम अडानी के नेतृत्व वाली इस कंपनी पर अब जैसे चौतरफा मार पड़ने लगी हैं। असल में कल ही अडानी ग्रुप ने अपनी फ्लैगशिप कंपनी, अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) के ₹20,000 करोड़ के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) को रद्द करने का ऐलान किया।

Adani Group ने यह FPO तब रद्द किया, जब एक दिन पहले ही इसे पूरी तरह से सब्सक्राइब किए जाने की खबर कंपनी के लिए कुछ उम्मीद बाँधती दिखाई पड़ रही थी। दिलचस्प रूप से FPO की वापसी का ऐलान खुद अडानी ग्रुप के चेयरमैन, गौतम अडानी ने किया। 

Hindenburg vs Adani
Image Credit: Adani Group (Website)

FPO रद्द करने को लेकर दिए गए अपने बयान में, गौतम अडानी ने कहा;

“पूरी तरह से सब्सक्राइब हुए FPO को वापस लेने का ये फैलसा हो सकता है कि कई लोगों को चौंका दे, लेकिन बाजार के मौजूदा उतार-चढ़ाव के हालातों को देखते हुए, FPO के साथ आगे बढ़ना शायद नैतिक रूप से सही नहीं होगा।”

“मेरे लिए, मेरे निवेशकों का हित सबसे ऊपर है, इसलिए निवेशकों को संभावित नुकसान से बचाने के लिए ही ये फैसला लिया गया है।”

असल में 1 फरवरी को बजट 2023-24 के दिन भी अडानी ग्रुप की तमाम अहम कंपनियों के शेयर की कीमतों में भारी गिरावट जारी रही, जिसके पीछे बड़ी वजह बना क्रेडिट सुईस (Credit Suisse) का एक फैसला। 

हुआ ये कि ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, Credit Suisse ने अडानी पोर्ट्स, अडानी ग्रीन और अडानी इलेक्ट्रिसिटी के नोट्स को जीरो लेंडिंग वैल्यू से हटा दिया। इतना ही नहीं बल्कि इसके कुछ ही समय बाद CITI Group द्वारा भी ऐसा ही कुछ कदम उठाने की बाद सामने आई कि CITI Group की वेल्थ यूनिट ने भी मार्जिन लोन के सिक्योरिटी के रूप में अदानी ग्रुप के बॉन्ड/सिक्योरिटीज को लेना बंद कर दिया है। 

जाहिर है, इस खबर के सामने आने के बाद आज 2 फरवरी को भी अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर बुरी तरह प्रभावित होते नजर आ रहे हैं। 

इस बीच Reuters की एक रिपोर्ट भी सामने आई, जिसमें यह कहा गया है कि गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट, FPO की वापसी और Credit Suisse व CITI Group के कदमों का गहरा असर पड़ा है, और एक अनुमान के मुताबिक, कंपनी का कुल बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैपिटलाइज़ेशन) घाटा $100 बिलियन तक पहुँच गया है।

इसका असर ये भी रहा कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गौतम अडानी अब एशिया ही नहीं बल्कि भारत के भी सबसे अमीर शख्स का खिताब गंवा चुके हैं।

RBI on Adani Group 

इस बीच एक बड़ी खबर ये भी आई है कि भारत के केंद्रीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) ने देश के तमाम बैंकों से अडानी ग्रुप को दिए कर्ज व निवेश संबंधित जानकारी मंगाई है।